उज्जैन। ग्वालियर के रहने वाले व्यवसाई से 2 लोगों ने बीएमडब्ल्यू कार का सौदा किया और 41.41 लाख रूपये प्राप्त कर लिया। कार बैंक से फायनेंस कराई गई थी। जिसकी राशि जमा करने के बाद एनओसी देने की बात कहीं, लेकिन दोनों लोगों ने सुनियोजित तरीके से रूपये ठग लिये। माधवनगर पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
माधवनगर थाना एसआई सालगराम चौहान ने बताया कि ग्वालियर के जंगीपुरा डबरा में रहने वाले यश पिता सुभाष सदाना ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हे करोड़ रूपये कीमत की सैकेंड हैंड बीएमडब्ल्यू कार खरीदना थी। वाहनों की दलाली करने वालों से संपर्क किया। इंदौर के दलालों ने उज्जैन में कार होने की जानकारी दी। उन्होने कार के संबंध में दिसंबर 2024 को यश पिता अशोक पुरूषार्थी निवासी मुसद्दीपुरा से संपर्क किया। उसने उज्जैन आने की बात कहीं। 14 दिसंबर को वह उज्जैन पहुंचे, जहां देवासरोड पर अपना स्वीटस के पास यश पुरूषार्थी और उसका साथी यश अग्रवाल पहुंचे। उन्होने बीएमडब्ल्यू एक्स-1 जिसका नम्बर एमपी 13 झेडएल 8907 दिखाई। दोनों ने कार का सौदा 41 लाख 41 हजार में करने की बात कहीं। सौदा तय होने पर बताया कि कार फायनेंस कराई गई है। जिसके 46.45 लाख रूपये नर्मदा ग्रामीण बैंक महाकाल शाखा में शेष है। लोन की राशि 10 दिन में जमा करने के बाद एनओसी सौंप देगें। उन्होने 21 हजार टोकन बयान नगद दिया। 16 दिसंबर 2024 को यश पुरूषार्थी के अकाउंट में 15 लाख का आरटीजीएस किया और उसी दिन दोनों को 26.20 लाख रूपये नगद बैंक में दिये। यश अग्रवाल द्वारा वाहन की शेष लोन राशि 46 लाख 45 हजार का चैक नर्मदा ग्रामीण बैंक में जमा करा दिया। 2 दिन बाद यश पुरूषार्थी ने चैक का बैंक में स्टॉप पेमेंट करवा दिया और लोन की रािश वाले चैक का भुगतान नहीं किया। अब भी कार पर लिये गये लोन की राशि बकाया चल रही है। कई बार बोलने पर भी दोनों राशि जमा नहीं करा रहे है। दोनों ने सुनियोजित तरीके से सौदा कर 41.41 लाख की धोखाधड़ी की है। एसआई चौहान के अनुसार जांच के बाद मामले में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। जल्द दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जायेगी और कोर्ट में पेश किया जायेगा।
कर्ज में डूब चुके कालोनाइजर के लापता होने की खबरे 2-3 दिनों चर्चा में बनी हुई। बताया जा रहा है कि सिंधी कालोनी में आॅफिस संचालित करने वाला दीपक वासवानी आदित्य नगर का रहने वाला है। उसने प्रापर्टी का काम शुरू किया उसके बाद चिमनगंज और नीलगंगा क्षेत्र में कालोनी काटी। जिसके चलते उसने कई लोगों से कर्ज लिया था, लेकिन प्रापर्टी कारोबार में आई मंदी के चलते वह लोगों से लिया उधार नहीं लौटा पा रहा था। करोड़ो का कर्ज होने पर वह 3 दिनों से लापता है। मामले में नीलगंगा थाना प्रभारी तरूण कुरील ने बताया कि प्रापर्टी कारोबारी के लापता होने की शिकायत किसी भी परिजन ने दर्ज नहीं कराई है। ना ही उसे कर्ज देने वाले सामने आये है।
